वो हमे भूल जाना चाहते है
हम उन्हें दिल में बसाना चाहते है
पहले मोहब्बत की बातें
फिर अँधेरी रातें
उनके गालों की लाली
मेरे होंटों की प्याली
मखमली , सरारती ,चंचल सी परी
मेरे सपनो में आती थी कभी -कभी
उसकी नीली आँखों की चमक
मेरे प्यार से महके चमन
उसकी मोहब्बत की एक गुज़ारिश
मेरे दिल में खुशियों की बारिश
उनके क़दमों की आहट
मेरे धड़कते दिल की चाहत
वो सदियों का नूर
मैं जन्मों का फ़क़ीर
वो आसमान की बारिश
मैं धरती की गुज़ारिश
वो लफ्ज़ो में बंधी पतंग
मैं बांहे फैलाये आसमां
वो समंदर जैसे कोई विशाल
मैं तड़पता उसका छोर
कभी पंखुरियों सी कोमल उसकी अदा
कभी बहके मेरा मन
वो चाँद कोई ठहरा
मैं निहारु हर -पल
मैं नदियों का आवारा पानी
वो टकराए पत्थर बन हर- दम
मैं चंचल सोंख हवा
वो खिलता कोई कंवल
वो धीरे -धीरे हमे भूलना चाहते है
हम उन्हें हमेशा दिल में बसाना चाहते है। ……